किस तरह उसके बिना जीना है,
ये बात मुझे वक़्त ने बता दिया,
गहरी चोटें कोई अपना ही देता है,
ज़िन्दगी के तजुर्बों ने ये भी सिखा दिया,
पास होकर भी दूर है,
ये फासला गलतफहमियों ने बना दिया,
उन चोटों का इलाज नही हो सकता जो किसी अपने ने दी हो,
ये बात मरहम ने मुझे बता दिया।
किस तरह उसके बिना.........
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