Monday, 2 March 2020

बचाकर रखना....


मैं सुबह छोड़कर जा रहा हूँ,
तुम मेरी शाम बचाकर रखना,
दिन की तरह ढल जाऊंगा मैं भी,
रात की तरह नज़रों में मेरी सीरत बचाकर रखना,
फेंक देना तुम मेरे दिए हर तोहफे को,
लेकिन किताबो के बीच दबा वो फूल बचाकर रखना,
भूल भी जाना अगर तुम मेरी मोहब्बत को,
लेकिन झगड़ो वाली दोस्ती बचाकर रखना,
नही आऊंगा अब मैं वापस,
मेरी याद को बचाकर रखना,
मैं सुबह छोड़कर जा रहा हूँ,
तुम मेरी शाम बचाकर रखना।

Share:

0 comments:

Post a Comment

All Post

Powered by Blogger.

इंतज़ार....

तेरे एक बार क्या हुए, किसी और के न हो सके हम, तुझसे अलग तो हो गए, लेकिन भूला न सके हम, होगा आसान तेरे लिए ये दिलों का खेल, ले...

Ask me

Name

Email *

Message *

Blog Archive

Followers